अगर आप एक ब्लागर हैं, यूटयूबर हैं या कोई एंड्रॉयड एप्लिकेशन डेवलपर हैं तो आप गूगल एडसेंस के विषय में बहुत अच्छे से जानते होंगे अगर आप एक नई वेबसाइट या ब्लाग बनाने के बारे में विचार कर रहे हैं तो एडसेंस के बारे में आपके मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुई होगी अगर बात हो ऑनलाइन अर्निंग की तो गूगल एडसेंस का नाम सबसे पहले आता है इस पोस्ट में हम जानने वाले हैं कि गूगल एडसेंस क्या है, किस तरह से काम करता है पब्लिशर होने के नाते या विज्ञापन दाता होने के नाते गूगल एडसेंस आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है
गूगल एडसेंस क्या है
गूगल एडसेंस गूगल का सबसे बडा बिजनेस मॉडयूल है जो किसी भी ऑनलाइन सामग्री पर विज्ञापन दिखाता है यह ऑनलाइन पैसे कमाने का सबसे सरल और आसान माध्यम है तथा ऑनलाइन विज्ञापन कंपनियों में सबसे अग्रणी कंपनी गूगल का सबसे बडा बिजनेस मॉडयूल भी है आसान शब्दों में कहें तो गूगल एडसेंस गूगल, एडवरटाइजर और पब्लिशर के बीच में एक ब्रिज का काम करता है सारा काम ऑटोमैटिक माध्यम से किया जाता है आपको बस एक कोड अपने वेबसाइट पर लगाना है और गूगल एडसेंस काम करना शुरू कर देता है
गूगल एडसेंस सबसे विश्वसनीय प्लेटफार्म क्यों है
आइए एडसेंस के बिजनेस मॉडयूल को समझते हैं
- गूगल- एक आंकडे के अनुसार गूगल का 99 प्रतिशत आय का हिस्सा वेबसाइट और ब्लाग पर प्रदर्शित होने वाले विज्ञापनों से ही आता है बाकी एक प्रतिशत अन्य संसाधनों से लेकिन यहां समझने वाली बात यह है कि इन सभी विज्ञापनों के लिए गूगल पब्लिशियर पर निर्भर रहता है गूगल 85 प्रतिशत विज्ञापन पब्लिशियर के माध्यम से प्रदर्शित करता है बाकी अपने सर्च होम पेज पर तो इस तरह से सबसे बडा फायदा गूगल एडसेंस के विज्ञापनों से गूगल का होता है
- पब्लिशर- गूगल एडसेंस का सबसे बडा दूसरा फायदा उन पब्लिशियर्स का होता है जो गूगल एडसेंस के विज्ञापन अपने ब्लाग या वेबसाइट पर लगाते हैं वेबसाइट पर आने वाले ट्रैफिक को गूगल एडस पर विज्ञापनदाताओं द्वारा दिये गये विज्ञापनों को प्रदर्शित किया जाता है जिसके बदले गूगल एडसेंस क्लिक और इम्प्रेशन के हिसाब से पब्लिशियर को पेमेंट देता है जिसमें कुछ भाग गूगल का होता है और कुछ भाग पब्लिशियर का होता है इसमें पब्लिशियर का सबसे बडा फायदा यह है कि उसको विज्ञापन लेने के लिए कहीं जाना नहीं है गूगल एडसेंस विज्ञापनों का प्लेसमेंट खुद व खुद करता रहता है अपनी वेबसाइट पर जहां-जहां पर पब्लिशियर ने गूगल एडसेंस के एड कोड लगाये हैं
- विज्ञापनदाता कंपनी- तीसरे नंबर पर विज्ञापनदाता कंपनी को यह लाभ होता है कि उसके विज्ञापन केवल वहां दिखाये जाते हैं जहां उसकी जरूरत होती है बहुत कम बजट में बहुत ज्यादा लोगों के बीच में विज्ञापन पहुंचता है विज्ञापनदाता अपनी मर्जी से अपने विज्ञापन की कीमत तय कर सकता है इस पूरे सिस्टम में इतनी पारदर्शिता से काम किया जाता है कि विज्ञापनदाता बडे आराम से इस सिस्टम पर भरोसा करके अपने व्यापार को बढा सकते हैं विज्ञापनदाता के पास पूरा नियंत्रण रहता है कि किस तरह के विज्ञापन अपने वेबसाइट पर दिखाने हैं और किस तरह के नहीं
- रीडर्स - इस सब में रीडर्स का सबसे बडा फायदा होता है चूंकि पब्लिशर रीडर्स के लिए ढेर सारा निशुल्क कन्टेंट तैयार करते हैं जिसके लिए उन्हें एक भी रूपया चार्ज नहीं देना पडता है और उन्हें फ्री में ढेर सारी जानकारी हमेशा मिलती रहती है
एडसेंस ही क्यों बेहतर है
आसान इंटरफेस
आसान नियंत्रण
अधिक विज्ञापनदाताओं का होना
गूगल एडसेंस से कितनी कमाई होती है
क्या कोई भी गूगल एडसेंस एकाउण्ट रजिस्टर करा सकता है
कोई भी व्यक्ति गूगल एडसेंस रजिस्टर करा सकता है जिसके पास एक ब्लाग एक वेबसाइट एक यूटयूब चैनल या एक एंड्रॉयड एप्लिकेशन है गूगल एडसेंस एक पारदर्शी एड नेटवर्क प्रोग्राम है जो विज्ञापनदाताओं के लिए बना है और यह हर तरह से यह चाहता है कि विज्ञापनदाताओं के साथ में किसी तरह की धोखाधडी न हो या उनके पैसे बेकार न जायें इसलिए गूगल एडसेंस पर अप्लाई करने से पहले आपको गूगल एडसेंस के नियम और शर्तें जानना बहुत जरूरी है
गूगल हमेशा चाहता है कि विज्ञापन उसी व्यक्ति को दिखाई दें जिसके लिए वह बने हैं अर्थात विज्ञापनों पर सामान्य तरीके से ही क्लिक होनी चाहिए गूगल का सबसे बडा रूल यह है कि आप अपने विज्ञापन पर कभी भी क्लिक नहीं करेंगे और न ही अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या आस-पडोस से कहकर क्लिक करायेंगे ऐसा करने से आपका गूगल अकाउण्ट सस्पेंड किया जा सकता है इसके अलावा और भी नियम और शर्तें हैं जिन्हें हम आगे जानते हैं -
ओरिजिनल कांटेंट
ट्रैफिक सोर्स
- ऑर्गेनिक ट्रैफिक- ऑर्गेनिक ट्रैफिक किसी वेबसाइट पर आने वाला सबसे बढिया ट्रैफिक माना जाता है जो सीधे सर्च इंजन से आता है यानी यूजर को जब कुछ खोजना होता है तो वह गूगल सर्च इंजन पर जाता है और वहां कीवर्ड टाइप करता है जिसके बाद गूगल इंडैक्श की गई वेबसाइट या ब्लाग के रिजल्टस पब्लिश करता है जिससे यूजर उस वेबसाइट या ब्लाग पर पहुंच पाता है तकनीकी भाषा में इसे ऑर्गेनिक या प्राकृतिक ट्रैफिक कहते हैं
- सोशल मीडिया ट्रैफिक- जब आप सोशल मीडिया पर अपने कांटेंट को शेयर करते हैं तो वहां से जो ट्रैफिक आपके वेबसाइट या ब्लाग पर आता है उसे सोशल मीडिया ट्रैफिक कहते हैं
- एफीलिएट ट्रैफिक- जब आप किसी अन्य वेबसाइट, ब्लाग पर कमेंट करके अपने ब्लाग या वेबसाइट का लिंक छोडते हैं या किसी ब्लाग या वेबसाइट पर गैस कोड लिखते हैं और आपको वहां से जो ट्रैफिक प्राप्त होता है उसे एफिलिएट ट्रैफिक कहते हैं
- विज्ञापन के माध्यम से- ऑनलाइन विज्ञापनों से ट्रैफिक आना आज के समय में बहुत आम बात बन गई है इसके लिए विज्ञापन नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है गूगल की पालिसी के अनुसार ऑनलाइन ट्रैफिक का विज्ञापन तभी अच्छा माना जाता है जब वह गूगल के लैंडिंग पेज (वह पेज जिसके लिए विज्ञापन किया गया हो) दिशा-निर्देशों का पालन करता हो उपयोगकर्ता को कहीं और न ले जाता हो
- डायरैक्ट ट्रैफिक- जब उपयोगकर्ता आपकी वेबसाइट या ब्लाग का नाम सीधे ब्राउजर के एड्रैस वार में टाइप करके आपके वेबसाइट तक पहुंचते हैं तो वह ट्रैफिक डायरैक्ट ट्रैफिक माना जाता है
साइट नैवीगेशन
आइये जानते हैं गूगल की प्रकाशित नीतियों के बारे में
- आप ऐसा कोई भी कन्टेंट प्रकाशित नहीं कर सकते जो किसी भी गैर कानूनी गतिविधि को बढावा देता हो या किसी भी व्यक्ति के कानूनी अधिकारों का उल्लंघन करता हो
- आप किसी भी नकली सामान की बिक्री या उसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकते जिसमें असली एवं नकली में फर्क कर पाना मुश्किल होता है
- आप किसी की बौद्विक सम्पत्ति का इस्तेमाल यानी कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं कर सकते यदि आप ऐसा होता देखते भी हैं तो आप डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट ऐक्ट (डीएमसीए) के तहत कॉपी राइट उल्लंघन की शिकायत कर सकते हैं
- आप झूठे, बेईमानी करने वाले उत्पात या सेवाओं का प्रचार नहीं कर सकते
- आप उपयोगकर्ताओं को आधी-अधूरी जानकारी देने वाले कन्टेंट नहीं प्रदर्शित कर सकते इसके अलावा आप विस्तार से Google प्रकाशक से जुड़ी नीतियां पढ सकते हैं और ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
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