प्रोग्रामिंग भाषा को मशीनी भाषा में अनुवाद करने के लिये इंटरप्रेटर ( Interpreter ) की आवश्यकता होती है इंटरप्रेटर ( Interpreter ) भी कम्पाइलर (Compiler) की तरह ही लैंग्वेज ट्रांसलेटर (Language Translator) का काम करता है तो आईये जानते हैं इंटरप्रेटर क्या है (What is interpreter ) और ये कैसे काम करता है -
इंटरप्रेटर क्या है - What is Interpreter in Hindi
इंटरप्रेटर ( Interpreter ) भी कम्पाइलर (Compiler) की तरह उच्च स्तरीय भाषा काे मशीनी भाषा में ट्रांसलेट करने का काम करता है, उच्च स्तरीय कंप्यूटर भाषाएँ जैसे सी++, जावा में लिखे प्रोग्राम को सोर्स कोड कहा जाता है इंटरप्रेटर ( Interpreter ) सोर्स कोड की पहली लाइन का अनुवाद करता है और यदि पहली लाइन में कोई गलती पाता है तो उसे दर्शाता है यानि एरर देता है और जब तक वह लाइन पूरी तरह से संशोधित नहीं हो जाती है यानि ठीक नहीं हो जाती है जब तक आगे नहीं बढता है जब पहली लाइन पूरी तरह से संशोधित हो जाती है तब दूसरी लाइन पर आगे बढता है तो इस तरह से इंटरप्रेटर ( Interpreter ) लाइन बाई लाइन किसी प्रोग्राम को मशीनी भाषा में अनुवाद करता है
यह हर प्रोग्राम को इस तरह से अनुवाद करता है, इस तरह से अनुवाद करने में इंटरप्रेटर ( Interpreter) कम्पाइलर (Compiler) से अधिक समय लेता है यह अपने सोर्स कोड को पूरी तरह से मशीनी कोड में नहीं बदलता है इसलिये हर बाद अनुवाद करते समय इसे सोर्स कोड की जरूरत होती है
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