Technovedant Chapter 2

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Thursday, February 18, 2021

February 18, 2021

यू.एस.बी 2.0 और यू.एस.बी 3.0 में क्‍या अंतर हैं

अगर आप कंप्‍यूटर, लैपटॉप या मोबाइल इस्‍तेमाल करते हैं तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपने यू.एस.बी शब्द‍ न सुना हो, यूएसबी ने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया हैं चाहे Data Transfer करना हो या कोई हार्डवेयर कंप्‍यूटर के साथ जोडना हो या फिर मोबाइल फोन को चार्जर से कनेक्‍ट करना हो सभी जगह यूएसबी का इस्‍तेमाल किया जा रहा हैं जिस तरह यूएसबी ने हमारे जीवन में बदलाव किए हैं उसी तरह यूएसबी के वर्जन 2.0 की सफलता के बाद वर्जन 3.0 आ चुका हैं यहां हम जानने वाले है यूएसबी 2.0 और 3.0 के बारे में तो अगर आप भी रूचि रखते है तो यह आर्टिकल पूरा पढिये

सबसे पहले जानें क्‍या है यूएसबी

USB की Full Form Universal Serial Bus हैं जिसका उपयोग Industry Standard के रूप में किया जा रहा हैं जहां अधिकतर Data Transfer के लिए यूएसबी का इस्‍तेमाल किया जाता हैं आज वर्तमान में यूएसबी का प्रयोग हर हार्डवेयर उपकरण के साथ किया जा रहा हैं जैसे Pan drive, Hard Disk Drive, Keyboard, Mouse, Mobile Charging Port. etc. यूएसबी के बहुत सारे फायदे हैं जिसमें से दो मुख्‍य बडे फायदे हैं पहला यूएसबी की भौतिक संरचना और दूसरा Data Transfer गति आप कभी भी कहीं भी यूएसबी का इस्‍तेमाल कर सकते हैं

ज्ञान बटोरें 👇

अब जानें कहां से आया और किसने सोचा  

यूएसबी की परिकल्‍पना 1996 में की गयी थी जिसे यूएसबी 1.X नाम दिया गया था जिसकी Data Transfer स्‍पीड 1.5 Mbps थी इसके बाद 1998 में यूएसबी 1.1 को Release किया गया यूएसबी 1.1 माइक्रोसॉफ्ट द्वारा Design किया गया था इसके बाद यूएसबी 2.0 को वर्ष 2000 में Launch किया गया था, इसे Intel और अन्‍य कंपनियों ने मिलकर बनाया था जिसकी अधिकतम Data Transfer स्‍पीड 480 Mbps थी जो यूएसबी 1.1 से बहुत अधिक थी, यह यूएसबी 2.0 अपने Data Transfer स्‍पीड की वजह से ज्‍यादा Popular हो गयी और ज्यादातर Device में इसका उपयोग होने लगा इसी क्रम में वर्ष 2008 में यूएसबी 3.0 को Launch किया गया जिसकी अधिकतम Data Transfer स्‍पीड 5Gbps है यूएसबी 3.0 को सुपर स्‍पीड का भी नाम दिया गया है

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भला USB कैसे करता है काम 

USB में चार तार केबल इंटरफेंस का इस्‍तेमाल किया जाता है,दो तारों का प्रयोग डाटा भेजने या डाटा Receive करने के लिए किया जाता हैं,और बाकी दो का उपयोग पॉवर सप्‍लाई के लिए किया जाता हैं, USB 2.0 केबल की लंबाई अधिकतम 5 मीटर तक हो सकती हैं, USB के लिए चार डाटा Transfer मोड हैं, Control Transfer का कार्य डिवाइस को कॉन्फिगर करना और स्‍टेटस की जानकारी पढना हैं

1- Bulk Transfer Mode

इसका इस्‍तेमाल भारी मात्रा में डाटा देने और तीन चरणों को लागू करने के लिए किया जाता है - 
  1. टोकन पैकेट
  2. डाटा पैकेट
  3. हैडशैक पैकेट

2- Data Bulk Transfer 

Host और End Point Device के बीच में होता है इस Transfer प्रक्रिया में Error खोजने के लिए Hardware Error Detection का उपयोग किया जाता है 

3- Isochronous Transfer Mode

इस मोड का प्रयोग Real Time में Data Transfer करने के लिए किया जाता है इसका इस्‍तेमाल ऑडियो और वीडियो डाटा को वास्‍तविक समय में एक Constant Rate पर भेजने के लिए इस्‍तेमाल होता है

4 - Interrupt Transfer Mode

इस मोड में पहले तीनों चरणों को शामिल किया जाता है और Data Transfer किया जाता है इस Transfer मोड का इस्‍तेमाल Mouse, Keyboard जैसे Devices को Use करने के लिए किया जाता है

यू.एस.बी 2.0 और यू.एस.बी 3.0 में क्‍या अंतर हैं

  1. Physical Structure - यूएसबी 2.0 और यूएसबी 3.0 की Physical Structure में कोई अंतर नहीं है दोनों डिवाइस के यूएसबी पोर्ट के अंदर ब्‍लैक ब्‍लॉग होता है
  2. Date Transfer Rate - एक तरफ जहां यूएसबी 2.0 की Data Transfer स्‍पीड 480 Mbps की होती है वही यूएसबी 3.0 की Data Transfer स्‍पीड 4800 Mbps की होती है जो लगभग यूएसबी 2.0 की स्‍पीड से 10 गुना ज्‍यादा है
  3. Types Of Communication - यूएसबी 2.0 कम्‍यूनिकेशन One Way होता है मतलब इसमें Host से End Point तक Data Transfer कर सकते है वही दूसरी ओर यूएसबी 3.0 कम्‍यूनिकेशन Two Way होता है
  4. Power Consumption - एक तरफ जहां यूएसबी 2.0 Power Consumption के मामले में खिफायती है जो 500mA वहीं दूसरी तरफ यूएसबी 3.0 की Power Consumption 900mA होती है
  5. Number of Wires - अगर वायरों की बात की जाए तो यूएसबी 2.0 में वायरों की संख्‍या 4 होती है वही दूसरी तरफ यूएसबी 3.0 में वायरों की संख्‍या 9 होती है
  6. Length of Cable - अगर केबल की लंबाई की बात करे यूएसबी 2.0 में केबल की लंबाई 5 मीटर होती है वही अगर यूएसबी 3.0 में बात करे तो 3 मीटर होती है
  7. Standard A Connector Color - अगर हम Standard Connector Color की बात करे तो यूएसबी 2.0 का रंग ग्रे होता है और अगर यूएसबी 3.0 की बात करे तो नीला होता है
  8. Standard B Connector - Standard B Connector यूएसबी 2.0 में छोटे आकार के होते है वही यूएसबी 3.0 में ये आकार में बडे होते है
  9. Signal Mechanism - यूएसबी 2.0 में Polling Mechanism होता है वही यूएसबी 3.0 में Asynchronous Mechanism होता है
  10. Cost - अगर कीमत की बात की जाए तो यूएसबी 3.0 की कीमत यूएसबी 2.0 से ज्‍यादा है

निष्‍कर्ष

आशा है आप समझ गए होगे कि यूएसबी क्‍या होता है,यूएसबी का इतिहास क्‍या है और यूएसबी 2.0 और यूएसबी 3.0 के बीच क्‍या क्‍या Difference होते है इसके अलावा यूएसबी कैसे कार्य करता है, अगर ये Article आपको पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्‍तों के सा‍थ जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में कोई दुविधा हो तो हमें Comment करे

Wednesday, February 17, 2021

February 17, 2021

WordPad क्या है और WordPad कैसे यूज करें

वर्डपैड के बारे में शायद आपमें से कुछ ही लोगों ने सुना होगा लेकिन वर्डपैड आपके ऑपरेटिंग सिस्‍टम के साथ आने वाला वर्ड प्रोसेसर एप्‍लीकेशन है जो बिलकुल फ्री है अगर आपके कंप्‍यूटर में MS Word नहीं है तब आप वर्डपैड का इस्‍तेमाल कसकते हैं और लेटर राइटिंग जैसे काम कर सकते हैं यहां हम जानने वाले हैं कि WordPad क्या है और WordPad कैसे यूज करें

WordPad क्या है और WordPad कैसे यूज करें

WordPad क्या है और WordPad कैसे यूज करें 

वर्डपैड एक Word Processor है जिसे माइक्रोसॉफ्ट ने Window 95 के लिये जारी किया था ये माइक्रोसॉफ्ट नोटपेड से बेहतर और आसान है नोटपैड से पहले माइक्रोसॉफ्ट राइट को इस्‍तेमाल किया जाता था यह माइक्रोसॉफ्ट राइट के स्‍थान पर जारी किया गया एक Word Processor है जिसे Microsoft Foundation Class (MFC) के नाम से भी जाना जाता है

वर्डपैड का इतिहास

वर्डपैड Notepad की तुलना में अधिक Advance हैं परंतु Microsoft Word की तुलना में कम फीचर हैं यदि आप Simple Documents बनाना चाहते हैं तो वर्डपैड आपके लिए बेहतरीन Option हैं जिसका इस्‍तेमाल आप Documents जैसे Letters, Notes इत्‍यादि बनाने में उपयोग कर सकते हैं माइक्रोसॉफ्ट WordPad Windows 95 ऑप‍रेटिंग सिस्‍टम के बाद के सभी Windows में पाया जाता हैं, Windows 95 से वर्डपैड को Microsoft Write के स्‍थान पर Replace किया गया Microsoft Write एक वर्ड प्रोसेसर Software था Microsoft ने इसे पहली बार 1983 में Microsoft Dos के साथ इसका इस्‍तेमाल किया था



वर्डपैड की विशेषताएं

जिस तरह Notepad का उपयोग किया जाता हैं उसी तरह WordPad का उपयोग किया जाता हैं लेकिन WordPad में Notepad से ज्‍यादा फीचर्स हैं जिनकी मदद से आप अपनी फाइलों में कई तरह की Formatting कर सकते हैं अगर आप Window XP में WordPad का इस्‍तेमाल करते है तो आपको कुछ फंक्‍शन कम होगे लेकिन अगर आप Windows XP से ऊपर के Windows का उपयोग करते हैं जैसे Windows 7,8 इत्‍यादि तो उसमें आपको वर्डपैड के सारे Functions मिलेंगे इसमें आप Letter pad का काम कर सकते हैं और Formatting कर सकते हैं जैसे बोल्‍ड, Italic, इत्‍यादि आप वर्ड में सामान्‍य और छोटी फाइले इसमें बना सकते हैं

माइक्रोसॉफ्ट वर्डपैड इस्‍तेमाल करने के लिए न तो आपको इसे डाउनलोड करने की आवश्‍यकता है और न ही इसे Install करने की आवश्‍यकता हैं यह Windows के साथ आने वाला Pre Installed Software हैं जो Window 95 से लेकर Window 10 तक सभी Operating Systems में उपलब्‍ध हैं अगर आपने अपने कंप्‍यूटर में माइक्रोसॉफ्ट वर्ड Install नहीं किया हैं तब आप MS WordPad का इस्‍तेमाल बहुत आसानी से कर सकते हैं

  1. पीडीएफ फाइल क्या है
  2. कम्प्यूटर सीखें हिन्दी में 
  3. सीसीसी कंप्यूटर कोर्स क्या है 

वर्ड पैड के मुख्‍य भाग - 

WordPad Button 

ये वर्ड पैड का प्रमुख भाग हैं यह बटन Menu में होता हैं इसमें WordPad में बनने वाली फाइलों के कई विकल्प‍ दिए होते हैं इसमें आपको Save, Open, Print, इत्‍यादि Command दी जाती हैं इन्‍ही से WordPad Document पर कार्य करते हैं इसमे हम Shortcut Keys का उपयोग करते हैं जैसे Open के लिए Ctrl+O, New के लिए Ctrl+N, Save के लिए Ctrl+S, Print के लिए उपयोग करते हैं Ctrl+P, इत्‍यादि का उपयोग करते हैं

Quick Access Button

यह एक विशेष भाग हैं ये माइक्रोसॉफ्ट के विभिन्‍न Text Editor Program में दिया गया हैं इसका उद्देश्य‍य बार बार उपयोग होने वाली Commands और Buttons को एक जगह Store करना होता हैं इसकी मदद से काम शीघ्रता से होता हैं Quick Access Toolbar में कुछ Command जैसे Save, Text, Print इत्‍यादि को Add कर दिया जाता हैं जिससे आप इन्‍हें एक क्लिक से Use कर सकते हैं

Title Bar

यहां WordPad में बनाई गई फाइल के नाम को दिखाया जाता हैं जब तक फाइल को Save नहीं किया जाता तब तक फाइल का नाम नहीं दिखाया जाता हैं वहां Document लिखा होता हैं जैसे ही फाइल को किसी नाम से Save किया जाता हैं फिर वह फाइल नाम से दिखाई देता हैं

Ribbon

Ribbon विंडो का एक और भाग हैं यह Title bar से नीचे होता हैं इसमें WordPad Tabs को दिखाया जाता हैं

Ruler Bar

ये Text Area के ऊपर होता हैं इससे हम Page Margin का पता लगाते हैं Documents को बनाने से पहले या बाद में Page Margin किया जाता हैं उतना Margin दिखाने के लिए Ruler Bar में दोनो तरफ Ruler लग जाता हैं फिर जो हम Text लिखते हैं वो उससे बाहर नहीं जाता

Status Bar

ये Text Area के बिल्‍कुल नीचे होता हैं इस बार में Zoom Level बटन होता है जिसकी सहायता से पेज को Zoom In और Zoom Out किया जाता है Zoom In की मदद से पेज को बडा किया जाता है जबकि Zoom Out से पेज को छोटा किया जाता हैं

Text Area

यह वर्ड पैड का अति महत्‍वपूर्ण भाग होता है इसी क्षेत्र में Document Text को लिखा जाता हैं इसे पेज भी कहते हैं समस्‍त प्रकार के टाइपिंग कार्य यही पर किए जाते हैं

WordPad के अन्‍य फीचर

Search and Replace

हालांकि हम जानते है कि वर्ड पैड में Spell Checker मौजूद नहीं होता,परंतु आप Document के किसी भी पेज में Word को Find and Replace कर सकते हैं WordPad Software में Home Tab में जाकर Editing Group में क्लिक करे और अब आप यहॉं से किसी भी Word को Find कर Replace कर सकते हैं इसके अलावा अन्‍य वर्ड Processor की तरह आप यहां भी Cut, Copy and Paste कर सकते हैं

File Format

वर्डपैड में आप फाइलों को Text Format में Create, Open and Save कर सकते हैं हालांकि आपका यह जानना जरूरी है कि माइक्रोसॉफ्ट वर्ड 2007 और 2010 में Create किए गए वर्ड Same नहीं देख सकते हैं क्‍योंकि वर्ड पैड में वर्ड की तरह Editing Features नहीं होते हैं

Graphics

आप वर्ड पैड Documents में ग्राफिक्‍स को Add कर सकते हैं इसके लिए WordPad Software में जाना होगा तथा Home Tab में जाकर Insert पर क्लिक कीजिए उसके बाद Picture पर क्लिक कीजिये वर्ड की तरह वर्ड पैड में Picture को Add कर सकते हैं आप इन Images को दूसरे यूजर के साथ शेयर कर सकते हैं

Formatting Option

हालांकि वर्ड पैड के पुराने वर्जन में Text को Format करने के काफी कम विकल्‍प थे परंतु नये वर्जन में यदि आपकों Text को Format करना हैं तो Text को Select करे और Home Tab पर क्लिक करें इसमें आप Font का Size और दूसरा Font बदल सकते हैं और अगर आप चाहें तो Text को Select करके उस Text पर Bullets का Use कर सकते हैं आप Font को Italic, Underline इत्‍यादि भी कर सकते हैं

वर्डपैड का उपयोग

  • Documents Create करने के लिए ही वर्डपैड इस्‍तेमाल करने की सलाह दी जाती हैं आप इसे लाइट Application बोल सकते हैं तथा इसका सिंपल इंटरफेस यूज़र को किसी भी Document को करने की अनुमति देता हैं
  • आप वर्डपैड में Templates का इस्‍तेमाल कर सकते हैं साथ ही Documents Create करते समय Page के साइज के साथ साथ आप Look को भी बदल सकते हैं और साथ ही WordPad Page Margin बदलने की भी अनुमति भी देता हैं
  • वर्डपैड उपयोग करने का मुख्‍य फायदा है कि User Documents Create करते वक्‍त Saved Documents को भी देख सकता हैं और अन्‍य Documents को भी Edit कर सकते हैं Documents Create करते वक्‍त User Pictures को Insert कर सकते हैं और Documents का Look माइक्रोसॉफ्ट वर्ड की तरह बना सकते हैं

MS WordPad को Open करना सीखें

Windows में वर्डपैड मौजूद होता हैं इसीलिए आपको इसे बाहर से Install कराने की जरूरत नहीं होती आइये अब जानते हैं कि आप इसे कैसे Open कर सकते हैं
  • सबसे पहले कंप्‍यूटर में Windows Key दबाये
  • उसके बाद सर्च बार दिखाई देगा उसमे वर्डपैड टाइप करें फिर आपको ऊपर वर्डपैड Application दिखाई देगी उस पर क्लिक करे
  • वर्ड पैड Open हो जाएगा
  • और अगर आप Commands की मदद से वर्डपैड Open करना चाहते है तो भी कर सकते हैं
  • Run Command की मदद से वर्डपैड को Access कर सकते हैं इसके लिए Window Key+R को एक साथ दबायें इसके बाद आपके सामने RUN कमांड ओपन हो जाएगी अब Search Box में "Write" Type करें और Ok पर क्लिक करे तो हमारा वर्डपैड ओपन हो जाएगा

Monday, February 15, 2021

February 15, 2021

वेब सर्वर क्‍या होता है और किस प्रकार काम करता है

वेब सर्वर क्‍या होता है और किस प्रकार काम करता है, जी हां यह प्रश्‍न आपके दिमाग में अक्‍सर आता होगा जब भी आप इंटरनेट पर कोई वेबसाइट ओपन करते हैं तो आप जरूर सोचते होंगे कि आखिर यह वेबसाइट कहां सेव रहती होगी और यह हमारे कंप्‍यूटर तक कैसे पहुॅचती होगी आपके सभी प्रश्‍नाें के उत्‍तर यहां मिलने वाले हैं आईये जानते हैं वेब सर्वर क्‍या होता है और किस प्रकार काम करता है - 

What is a web server, Web Server kya hai

वेब सर्वर क्‍या होता है और किस प्रकार काम करता है

वेब सर्वर को समझने से पहले हम समझते हैं कि सर्वर क्‍या होता हैं सर्वर एक प्रकार का कंप्‍यूटर सिस्‍टम होता हैं जो कि नेटवर्क से कनेक्‍ट रहता हैं और जरूरत पडने पर किसी दूसरे सिस्‍टम को डाटा सर्विस या प्रोग्राम उपलब्‍ध कराता हैं अगर सीधी भाषा में कहे तो अगर कोई कंप्‍यूटर किसी दूसरे कंप्‍यूटर को कोई रिर्सोस शेयर करता हैं तो शेयर करने वाला कंप्‍यूटर शेयर कहलाता हैं और दूसरा वाला कंप्‍यूटर क्‍लाइंट कहलाता हैं अलग अलग कामों को करने के लिए अलग अलग सर्वर बनाये जाते हैं जैसे ई मेल सर्वर, वेब सर्वर, चैट सर्वर इत्‍यादि

चलिए अब जानते हैं सर्वर कितने प्रकार के होते हैं -

एफटीपी सर्वर (FTP Server )

FTP यानि File Transfer Protocol जो एक बहुत पुराना इंटरनेट प्रोटोकॉल सर्वर हैं जिसकी मदद से इंटरनेट पर एक फाइल को एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान पर ले जाया जाता हैं FTP सर्वर यूजर को File safety, File Transfer, file को Organize करने की सुविधा करता हैं

मेल सर्वर (Mail Server)

आप दिन में कई बार ई मेल भेजते होगें और receive भी करते होंगे इसके अलावा आपके इनबॉक्‍स में पुराने ई मेल भी आपकों दिखाई देते होंगे ये सारे ई मेल एक मेंल सर्वर पर स्‍टोरेज रहते हैं और यह मेंल सर्वर SMTP Protocol का इस्‍तेमाल करते हैं जिसकी Full form होती है (Secure Mail Transfer Protocol) जो आपके ई मेल को एक यूजर से दूसरे यूजर तक भेजने में मदद करता हैं

फाइल सर्वर (File Server)

जब आप एक से अधिक कंप्‍यूटरों के बीच में नेटवर्किंग करते हैं और एक लोकल एरिया नेटवर्क बनाते हैं और उस नेटवर्क में फाइल शेयर करते हैं तो फाइल सर्वर नेटवर्क उस फाइल की कॉपी दूसरे कंप्‍यूटर को भेज देता हैं और इस प्रक्रिया में वह File Transfer Protocol का इस्‍तेमाल करता हैं

ऑडियो वीडियो सर्वर (Audio and Video Server)

आजकल ऐसे बहुत सारे प्‍लेटफॉर्म हैं जो म्‍यूजिक और वीडियो Streaming करने की सुविधा प्रदान करते है जैसे म्‍यूजिक के लिए Spotify और वीडियो के लिए Netflix का इस्‍तेमाल किया जाता हैं एक तरह से ये दोनों ही Multimedia Streaming Service हैं जो मल्‍टीमीडिया फाइल को बिना डाउनलोड किए Direct Play करने की सुविधा प्रदान करती हैं इसके लिए यह सारे डाटा को एक सर्वर पर स्‍टोर करके रखते हैं और यूजर के request करने पर यह उसे Play करते हैं

चैट सर्वर (Chat Server)

Chat Server एक ऐसा सर्वर है जिसकी मदद से हम कुछ ही seconds में एक दूसरे से बात कर सकते हैं फिर वो चाहे कितनी भी दूरी पर क्‍यों न हो जैसे फेसबुक, WhatsApp इत्‍यादि के माध्‍यम से हम किसी से और कहीं भी बात कर सकते हैं और वो सारी chats chat server पर स्‍टोर रहती हैं

प्रॉक्सी सर्वर (Proxy Server )

Proxy Server एक कंप्‍यूटर होता हैं,जो यूजर के कंप्‍यूटर या इंटरनेट के मध्‍य Gateway की तरह कार्य करता हैं इसके द्वारा क्‍लांइट कंप्‍यूटर व अन्‍य नेटवर्क से Indirect नेटवर्क कनेक्‍शन स्‍थापित करता हैं अगर किसी स्‍कूल, कॉलेज या ऑफिस में किसी वेबसाइट को ब्‍लॉक कर दिया जाए तो हम Proxy Server के माध्‍यम से बडी आसानी से खोल सकते हैं इसी प्रकार हम किसी Website को अपने कंप्‍यूटर सिस्‍टम पर देख तो सकते हैं लेकिन Website के Server से Connect होने वाला System कोई और ही होता है जिसे Proxy Server कह जाता हैं

अब समझते हैं वेबसर्वर क्‍या होता है - 

वेब सर्वर (Web Server )

वेब सर्वर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है जो किसी भी वेबसाइट के वेबपेज को सर्व करने का काम करता है जब भी आप इंटरनेट पर किसी वेबपेज के लिए रिक्वेस्ट सेंड करते हैं तो वेब सर्वर ही वेब पेज को यूज़र तक पहुंचाता है जैसा कि Server से हम समझ चुके हैं कि Server एक प्रकार की मशीन होता है और इसी सर्वर पर वेब सर्वर नाम का सॉफ्टवेयर इंस्टॉल रहता है



आप देख रहे है इंटरनेट पर हजारों लाखों वेबसाइट हर रोज बनायी जाती हैं जिनपर लाखों फाइलें अपलोंड की जाती हैं यह फाइलें इंटरनेंट पर एक वेब सर्वर पर Store रहती हैं असल में यह एक प्रकार के कंप्‍यूटर ही होते हैं जो 24x7 एक हाई स्‍पीड नेटवर्क से जुडे रहते हैं और दुनिया भर में जब भी कोई यूजर वेब ब्राउजर से जब किसी वेब साइट को एक्‍सेस करता हैं तो वेब सर्वर वेबसाइट का डाटा यूजर को कुछ ही सेकेंड से पहुंचा देता हैं यह वेब सर्वर कभी बंद नहीं होते 24 घंटे चलते रहते हैं और इनका काम डाटा स्‍टोरेज ही होता हैं

निष्‍कर्ष - इस आर्टिकल में हमने जाना कि वेब सर्वर क्‍या होता है और कितने प्रकार के होते हैं हमने जाना कि इन सर्वरों का उपयोग हम किस प्रकार कर सकते हैं और कहॉं कर सकते हैं तो आशा है कि आपको ये आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा

Monday, January 18, 2021

January 18, 2021

हमें एक्‍सेल क्‍यों सीखना चाहिए

अगर आप कंप्‍यूटर क्षेत्र से जुडे हुए व्‍यक्ति हैं तो आपने एक्‍सेल का नाम न सुना हो ऐसा हो ही नहीं सकता एक्‍सेल वर्तमान समय का सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाला स्‍प्रैडशीट प्रोग्राम है यहां हम जानने वाले हैं उन बेहतरीन कारणों के बारे में जो आपको एक्‍सेल सीखने पर मजबूर कर सकते हैं अगर आपके मन में जिज्ञासा है कि हमें एक्‍सेल क्‍यों सीखना चाहिए तो ये जानकारी आपके लिए है



हमें एक्‍सेल क्‍यों सीखना चाहिए

माइक्रोसॉफ्ट एक्‍सेल एम0एस0 एक्‍सेल या एक्‍सेल के नाम से जाना जाने वाला स्‍प्रैडशीट प्रोग्राम है जो दुनियाभर में अपने पावरफुल फॉर्मूलों की वजह से लोकप्रिय है एम0 एस0 एक्‍सेल, एम0 एस0 वर्ड के बाद सबसे ज्‍यादा प्रयोग किया जाने वाला प्रोग्राम है इसीलिए यह दुनियाभर के ऑफिस एम्‍प्‍लाई की पहली पसंद है अगर आपको माइक्रोसॉफ्ट एक्‍सेल चलाना आता है तो आप कई घण्‍टों का काम मिनटों में कर सकते हैं आइए जानते हैं एक्‍सेल की वह विशेषतायें जिनकी वजह से एक्‍सेल सभी को पसंद है

रोजगार के अवसर

यदि आपको एक्‍सेल आता है तो वह आपके लिए एक्‍स्‍ट्रा स्किल के तौर पर काम करता है जो आपके लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है मान लीजिए आप और आपके मित्र ने एक साथ पढाई की है और आप दोनों ने एक साथ किसी जॉब के लिए एप्‍लाई किया है लेकिन आपने एक्‍सेल की ट्रेनिंग ली हुई है और आपके मित्र ने वह ट्रेनिंग नहीं ली है तो इसका मतलब यह होगा कि उसको उस जॉब में प्राथमिकता नहीं दी जायेगी चूंकि उसको एक्‍सेल की एक्‍स्‍ट्रा नॉलेज नहीं है तो इस तरह से अगर आपने एक्‍सेल सीखा हुआ है तो यह आपके लिए वरदान सिद्ध हो सकता है

घण्‍टों का काम मिनटों में

यदि आपको एक्‍सेल आता है तो आप कई घण्‍टों का काम मिनटों में आसानी से कर सकते हैं एक्‍सेल में कई प्रकार के पावरफुल फॉर्मूले दिये होते हैं जो एक्‍सेल को और भी ज्‍यादा पावरफुल बनाते हैं जिसकी वजह से घण्‍टों का काम मिनटों में किया जा सकता है मान लीजिए यदि हम ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन बना रहे हैं इसमें से कुछ कर्मचारियों का वेतन बढाना है और कुछ का काटना है तो यदि हम उन कर्मचारियों का वेतन मैनुअली रूप से ज्‍यादा या कम करते हैं तो काफी समय लग सकता है यदि एक्‍सेल के कुछ फॉर्मूलों का प्रयोग करते हैं तो कुछ ही समय में कर्मचारियों का मासिक वेतन तैयार हो सकता है इस प्रकार स्‍प्रैडशीट प्रोग्राम के द्वारा किसी भी कार्य को आसानी से कर सकते हैं इसके अतिरिक्‍त हमें कितनी भी बडी धनराशि को जोडना अथवा घटाना हो तो एक्‍सेल के फॉर्मूलों की सहायता से इस काम को बहुत ही कम समय में किया जा सकता है

पूरी दुनिया में सभी कार्यालयों में एक्‍सेल का इस्‍तेमाल

माइक्रोसॉफ्ट एक्‍सेल प्रोग्राम का इस्‍तेमाल आज विश्‍व के सभी कार्यालयों चाहे वह प्राइवेट हो, सरकारी एवं अर्ध सरकारी हो या फिर कोई दुकान हो सभी में माइक्रोसॉफ्ट एक्‍सेल प्रोग्राम का इस्‍तेमाल किया जा सकता है इसका मतलब यह है कि आपने अगर माइक्रोसॉफ्ट एक्‍सेल सीखा है तो आप चाहे कहीं भी चले जायें यह कोर्स आपके बहुत काम आने वाला है इसके साथ आप एक्‍सेल का कोई भी वर्जन सीखें चाहें एक्‍सेल 2003 हो, चाहे एक्‍सले 2007 हो या एक्‍सेल 2019 आप सभी साफ्टवेयर में काम कर सकेंगे आपको कोई परेशानी नहीं होगी

एक्‍सेल का पूरा कोर्स कैसे प्राप्‍त करें

एक्‍सेल सीखने के लिए आप ProComputerCours.com पर जा सकते हैं यहां पर एम0एस0 एक्‍सेल से संबंधित फुल कोर्स दिया गया है जिसमें कुल 90 वीडियोज हैं जिन्‍हें आप डाउनलोड भी कर सकते हैं इसके साथ में यहां प्रक्टिस फाइल दी गई हैं जिन्‍हें आप डाउनलोड करके साथ-साथ प्रैक्टिस भी कर सकते हैं यह कोर्स लाइफ टाइम के लिए है यानि आप जब भी चाहें तब यह कोर्स कंप्‍लीट करके सर्टिफ़िकेट प्राप्‍त कर सकते हैं 

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Thursday, December 31, 2020

December 31, 2020

गूगल एड्स क्या है और कैसे काम करता है

इंटरनेट द्वारा आप प्रतिदिन हजारों, लाखों विज्ञापन देखते हैं चाहे आप यूट्यूब पर कोई वीडियो देख रहे हों या गूगल पर कुछ सर्च कर रहे हों या अपने मोबाइल पर कोई एप्लीकेशन इस्तेमाल कर रहे हों आपको विज्ञापन नजर आ ही जाते हैं इन सभी विज्ञापनों में सबसे ज्‍यादा विज्ञापन गूगल एड्स के माध्‍यम से प्रदर्शित किये जाते हैं चाहे आप वह विज्ञापन यूट्यूब पर देख रहे हों, चाहे किसी वेबसाइट पर आपको गूगल एड्स के विज्ञापन दिखाई दे ही जायेंगे तो अगर आप भी जानना चाहते हैं कि गूगल एड्स क्‍या है कैसे काम करता है और इसके पास इतने सारे विज्ञापन कहां से आते हैं तो आगे ध्‍यान से पढ़ते रहिए

गूगल एड्स क्या है और कैसे काम करता है

गूगल एड्स क्या है

गूगल एडवर्ड गूगल का सबसे प्रमुख आय का स्रोत है जिसे अक्टूबर 2000 में लांच किया गया था यह गूगल का सबसे बडा विज्ञापन प्लेटफार्म है जहां पर दुनियाभर के विज्ञापनदाता विज्ञापन देने आते हैं यहां कोई भी व्‍यक्ति अपने बिजनेस का विज्ञापन दे सकता है और अपने व्यापार को बढ़ा सकता है गूगल एडवर्ड के विज्ञापन गूगल के एडसेंस प्रोग्राम के द्वारा ब्लॉग, वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर सर्व किये जाते हैं जिससे उस वेबसाइट पर आने वाले ट्रैफिक को उसी के पसंद के विज्ञापन एडसेंस द्वारा दिखाये जाते हैं एडसेंस के बारे में हम पहले भी बात कर चुके हैं लेकिन आज हम जानते हैं कि गूगल एड्स कैसे काम करता है

जैसा कि अब हमें पता है कि गूगल एडवर्ड जिसका नाम वर्तमान में गूगल एड्स है वह एक विज्ञापन लेने वाला प्‍लेटफार्म है यहां पर विज्ञापनदाता के लिए समस्त प्रकार के टूल्स उपलब्‍ध हैं जिससे वह आसानी से विज्ञापन बना सकते हैं और अपने अनुसार बजट भी तय कर सकते हैं यह विज्ञापनदाता को कीवर्ड के अनुसार विज्ञापन का बजट तय करने में मदद करता है यह एक फुली कस्टमाइज प्लेटफार्म है जहां पर आप दिन के 100 रू0 के मिनिमम बजट के साथ भी विज्ञापन कर सकते हैं फिर चाहे वह विज्ञापन वीडियो फॉर्मेट में हो या चाहे टेक्‍स्‍ट फॉर्मेट में हो

मान लीजिए आपकी कोई पिज्जा शॉप है और आप उसके विज्ञापन के लिए गूगल एडवर्ड पर जाते हैं गूगल एडवर्ड आपको बताता है कि पिज्‍जा शॉप से संबंधित किन की बर्ड को लोग गूगल पर सर्च करते हैं यहां से आप अपने विज्ञापन के लिए वह कीवर्ड सलेक्‍ट कर सकते हैं इसके अलावा आप किस देश में, किस राज्‍य में या किस शहर में विज्ञापन दिखाना चाहते हैं यह भी सेलेक्ट कर सकते हैं आप भाषा के आधार पर, उम्र के आधार पर और जेंडर के आधार पर साथ ही रूचि के आधार पर भी अपने ऑडियंस को फ़िल्टर कर सकते हैं जब सारा काम हो जाए तब आप अपनी मर्जी के अनुसार गूगल एडवर्ड पर बजट सेट कर सकते हैं आप शुरुआत के लिए 100 रू0 प्रतिदिन पर भी विज्ञापन चला सकते हैं

गूगल एड्स तीन तरह से काम करता है यानी आप गूगल एड्स पर अपने विज्ञापन कैंपेन तीन तरह से रन कर सकते हैं -

  1. सर्च नेटवर्क कैंपेन- इस तरह के विज्ञापन टेक्‍स्‍ट फॉर्मेट में होते हैं जिनको गूगल अपने होम पेज पर होने वाली सर्च में तब दिखाता है जब कोई यूजर उस विज्ञापन से संबंधित कीवर्ड को होम पेज में एंटर करता है
  2. डिस्प्ले नेटवर्क- इस तरह के विज्ञापन इमेज फॉर्मेट में होते हैं जिन्हें आमतौर पर आप किसी ब्लॉग, वेबसाइट या ऐप्लिकेशन में देख सकते हैं
  3. वीडियो कैंपेन- इस तरह के विज्ञापन वीडियो फॉर्मेट में होते हैं जो आपको अधिकतर यूट्यूब पर दिखाये जाते हैं इन विज्ञापनों को प्‍लेसमेंट या तो वीडियो से ठीक पहले होता है या वीडियो के बीच में भी आपको इस तरह के विज्ञापन प्रदर्शित किये जाते हैं

गूगल एडस पर CPC का क्‍या मतलब है

जब आप गूगल एड्स पर कोई विज्ञापन बनाते हैं तो वहां पर आप विज्ञापन पर होने वाले प्रति क्लिक की लागत को तय करते हैं यानी आप गूगल एड्स को केवल तभी भुगतान करते हैं जब कोई व्यक्ति आपके विज्ञापन पर क्लिक करता है इसे CPC (Coast Par Click) कहते हैं
इसके अलावा आप हर इम्प्रैशन की लागत को भी तय कर सकते हैं और उसके आधार पर भुगतान कर सकते हैं यानी जरूरी नहीं है कि आपके विज्ञापन पर क्लिक हो यहां पर आपका विज्ञापन कितनी बार देखा गया इसके आधार पर भुगतान तय किया जायेगा

गूगल एड्स पर मार्केटिंग से क्‍या लाभ है

  • गूगल एड्स एक बहुत ही प्रभावशाली प्रोग्राम है जो आपके ऑफलाइन और ऑनलाइन व्यापार के लिए बहुत लाभदायक है अगर आप ऑनलाइन व्यापार करते हैं आपकी कोई वेबसाइट है या ब्लॉग है तो आप सीधे ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से अपनी बिक्री बढ़ा सकते हैं आप सीधे-सीधे कस्टमर को अपनी वेबसाइट पर लेकर आ सकते हैं आप सीधे अपनी वेबसाइट पर उनका रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं 
  • अगर आप अपने ग्राहकों के फोन कॉल पाना चाहते हैं तो गूगल एडवर्ड आपको क्लिक टू कॉल बटन की सुविधा आपके विज्ञापन के साथ देता है जिससे आपके ग्राहक आपके विज्ञापन पर क्लिक करके सीधे आपके फोन नंबर पर कॉल कर पाते हैं 
  • अगर आप ऑफलाइन व्‍यापार करते हैं तो गूगल एड्स के माध्‍यम से आप अपने व्यवसाय को गूगल मैप पर अपने ग्राहकों के साथ उनको ढूंढने में मदद कर सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा लोकल कस्टमर प्राप्त कर सकते हैं 

निष्‍कर्ष

आशा है आप समझ गये होंगे कि गूगल एडवर्ड क्‍या है, किस तरह से काम करता है और किस-किस प्रकार के विज्ञापन यहां पर किये जा सकते हैं अगर फिर भी आपका कोई प्रश्न है तो आप हमसे नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं 

Wednesday, December 30, 2020

December 30, 2020

एक्सेल में इनवॉइस बिल बनाना सीखे

इस वीडियो में हमने सिखाया है कि कैसे आप एम एस एक्सेल में इनवॉइस बना सकते हैं उसका पेज सेटअप कैसे कर सकते हैं आशा है यह वीडियो आपके बहुत काम आएगा  

प्रैक्टिस फाइल डाउनलोड करें


December 30, 2020

गूगल एडसेंस क्‍या है कैसे काम करता है

अगर आप एक ब्‍लागर हैं, यूटयूबर हैं या कोई एंड्रॉयड एप्लिकेशन डेवलपर हैं तो आप गूगल एडसेंस के विषय में बहुत अच्‍छे से जानते होंगे अगर आप एक नई वेबसाइट या ब्‍लाग बनाने के बारे में विचार कर रहे हैं तो एडसेंस के बारे में आपके मन में जिज्ञासा उत्‍पन्‍न हुई होगी अगर बात हो ऑनलाइन अर्निंग की तो गूगल एडसेंस का नाम सबसे पहले आता है इस पोस्‍ट में हम जानने वाले हैं कि गूगल एडसेंस क्‍या है, किस तरह से काम करता है पब्लिशर होने के नाते या विज्ञापन दाता होने के नाते गूगल एडसेंस आपके लिए क्‍यों महत्‍वपूर्ण है

गूगल एडसेंस क्‍या है

गूगल एडसेंस गूगल का सबसे बडा बिजनेस मॉडयूल है जो किसी भी ऑनलाइन सामग्री पर विज्ञापन दिखाता है यह ऑनलाइन पैसे कमाने का सबसे सरल और आसान माध्‍यम है तथा ऑनलाइन विज्ञापन कंपनियों में सबसे अग्रणी कंपनी गूगल का सबसे बडा बिजनेस मॉडयूल भी है आसान शब्‍दों में कहें तो गूगल एडसेंस गूगल, एडवरटाइजर और पब्लिशर के बीच में एक ब्रिज का काम करता है सारा काम ऑटोमैटिक माध्‍यम से किया जाता है आपको बस एक कोड अपने वेबसाइट पर लगाना है और गूगल एडसेंस काम करना शुरू कर देता है 

गूगल एडसेंस सबसे विश्‍व‍सनीय प्‍लेटफार्म क्‍यों है

गूगल एडसेंस का विज्ञापन दिखाने का तरीका अन्‍य विज्ञापन नेटवर्क से बिल्‍कुल भिन्‍न है गूगल एडसेंस किसी वेबसाइट या ब्‍लाग पर आने वाले विजिटर्स को उनकी पसंद के प्रासंगिक विज्ञापनों को ही दिखाता है यानी जिस वेबसाइट पर गूगल एडसेंस के विज्ञापन कोड लगे हुए हैं वहां केवल आप उन्‍हीं विज्ञापनों को देखेंगे जिसमें आप रूचि रखते हैं यह पूरा सिस्‍टम किस तरह से काम करता है आइए समझते हैं

जब आप अपने ब्राउजर में या अपने मोबाइल में अपने की बोर्ड से कुछ भी टाइप करते हैं यानी तकनीकी भाषा में कहें तो की-वर्ड टाइप करते हैं तो यह जानकारी आपके इंटरनेट ब्राउजर में सुरक्षित हो जाती है आपके द्वारा सर्च की गई इस जानकारी को तकनीकी भाषा में कुकी कहा जाता है अब जब आप दोबारा किसी ऐसे ब्‍लाग, वेबसाइट या यूटयूब चैनल पर जाते हैं जहां पर गूगल एडसेंस के विज्ञापन कोड लगे हुए हैं तो वह कोड सबसे पहले आपके ब्राउजर में सुरक्षित उस कुकी को पढते हैं और उससे पता लगाते हैं कि आपने पिछली बार क्‍या सर्च किया था जिससे वह आपके द्वारा सर्च किये गये की-वर्डस के आधार पर आपको विज्ञापन प्रदर्शित कर सकें

एक तरह से देखा जाए तो गूगल विज्ञापन आपकी व्‍यक्तिगत जानकारी को आपकी बिना परमीशन के पढकर आपको दिखाता है वह विज्ञापनदाताओं के साथ में भी इस जानकारी को शेयर करता है ताकि रीडर को और भी सटीक विज्ञापन दिखाये जा सकें 

आइए एडसेंस के बिजनेस मॉडयूल को समझते हैं

गूगल एडसेंस किसी वेबसाइड पर विज्ञापन प्रदर्शित करता है और उस वेबसाइट पर आने वाले ट्रैफिक/ रीडर्स को उनके प्रासंगिक विज्ञापनों को दिखाता है जिससे सभी को फायदा होता है अगर मैं सभी की बात करूं तो इसमें चार लोग शामिल होते हैं 
  1. गूगल- एक आंकडे के अनुसार गूगल का 99 प्रतिशत आय का हिस्‍सा वेबसाइट और ब्‍लाग पर प्रदर्शित होने वाले विज्ञापनों से ही आता है बाकी एक प्रतिशत अन्‍य संसाधनों से लेकिन यहां समझने वाली बात यह है कि इन सभी विज्ञापनों के लिए गूगल पब्लिशियर पर निर्भर रहता है गूगल 85 प्रतिशत विज्ञापन पब्लिशियर के माध्‍यम से प्रदर्शित करता है बाकी अपने सर्च होम पेज पर तो इस तरह से सबसे बडा फायदा गूगल एडसेंस के विज्ञापनों से गूगल का होता है 
  2. पब्लिशर- गूगल एडसेंस का सबसे बडा दूसरा फायदा उन पब्लिशियर्स का होता है जो गूगल एडसेंस के विज्ञापन अपने ब्‍लाग या वेबसाइट पर लगाते हैं वेबसाइट पर आने वाले ट्रैफिक को गूगल एडस पर विज्ञापनदाताओं द्वारा दिये गये विज्ञापनों को प्रदर्शित किया जाता है जिसके बदले गूगल एडसेंस क्लिक और इम्‍प्रेशन के हिसाब से पब्लिशियर को पेमेंट देता है जिसमें कुछ भाग गूगल का होता है और कुछ भाग पब्लिशियर का होता है इसमें पब्लिशियर का सबसे बडा फायदा यह है कि उसको विज्ञापन लेने के लिए कहीं जाना नहीं है गूगल एडसेंस विज्ञापनों का प्‍लेसमेंट खुद व खुद करता रहता है अपनी वेबसाइट पर जहां-जहां पर पब्लिशियर ने गूगल एडसेंस के एड कोड लगाये हैं 
  3. विज्ञापनदाता कंपनी- तीसरे नंबर पर विज्ञापनदाता कंपनी को यह लाभ होता है कि उसके विज्ञापन केवल वहां दिखाये जाते हैं जहां उसकी जरूरत होती है बहुत कम बजट में बहुत ज्‍यादा लोगों के बीच में विज्ञापन पहुंचता है विज्ञापनदाता अपनी मर्जी से अपने विज्ञापन की कीमत तय कर सकता है इस पूरे सिस्‍टम में इतनी पारदर्शिता से काम किया जाता है कि विज्ञापनदाता बडे आराम से इस सिस्‍टम पर भरोसा करके अपने व्‍यापार को बढा सकते हैं विज्ञापनदाता के पास पूरा नियंत्रण रहता है कि किस तरह के विज्ञापन अपने वेबसाइट पर दिखाने हैं और किस तरह के नहीं 
  4. रीडर्स - इस सब में रीडर्स का सबसे बडा फायदा होता है चूंकि पब्लिशर रीडर्स के लिए ढेर सारा निशुल्‍क कन्‍टेंट तैयार करते हैं जिसके लिए उन्‍हें एक भी रूपया चार्ज नहीं देना पडता है और उन्‍हें फ्री में ढेर सारी जानकारी हमेशा मिलती रहती है 

एडसेंस ही क्‍यों बेहतर है 

अन्‍य विज्ञापन नेटवर्क के मुकाबले एडसेंस ही क्‍यों ज्‍यादा बेहतर विकल्‍प है इसके कुछ प्रमुख कारण हैं 

आसान इंटरफेस

एडसेंस को इस्‍तेमाल करने के लिए आपको सिर्फ एक छोटा सा कोड अपने ब्‍लाग या वेबसाइट पर पेस्‍ट करना होता है एवं बाकी सारा काम एडसेंस खुद ब खुद कर देता है विज्ञापनों का प्‍लेसमेंट और उसपर होने वाले क्लिक और इम्‍प्रैशन और उस पर होने वाली कमाई को आप आसानी से देख सकते हैं अपने विज्ञापनों को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं 

आसान नियंत्रण 

एडसेंस का डैशबोर्ड बहुत ही सरल है जिससे आप आसानी से अपनी वेबसाइट पर विज्ञापनों को अपनी सुविधानुसार नियंत्रित कर सकते हैं आप यह भी तय कर सकते हैं कि कौन सा विज्ञापन कहां दिखाना है और कहां नहीं यहां तक कि आप कुछ विज्ञापनदाताओं को अपनी मर्जी के अनुसार ब्‍लाक भी कर सकते हैं 

अधिक विज्ञापनदाताओं का होना 

गूगल एडसेंस के विज्ञापन गूगल एड से आते हैं जिसके पास विज्ञापनदाताओं का एक बहुत विशाल श्रोत है गूगल एड एक ऐसा प्‍लेटफार्म है जहां पर दुनियाभर के विज्ञापनदाता अपना विज्ञापन देते हैं और वह विज्ञापन गूगल एडसेंस के माध्‍यम से प्रदर्शित किये जाते हैं इसलिए गूगल के पास विज्ञापनों की कोई कमी नहीं होती है

गूगल एडसेंस से कितनी कमाई होती है 

इस बात को कहना मुश्किल है कि आप गूगल एडसेंस से कितना कमाते हैं आपकी कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी साइट पर कितना ट्रैफिक है, यह ट्रैफिक किस देश से आ रहा है, आप किस तरह का कंटेंट पब्लिश कर रहे हैं और आपने अपने विज्ञापन किस तरह से सेट किये हैं 

यह देखने के लिये आप गूगल एडसेंस से कितना कमा सकते हैं आप गूगल एडसेंस के होम पेज पर जाकर आय कैल्‍यूलेटर का इस्‍तेमाल कर सकते हैं  यहां से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आप गूगल एडसेंस से कितनी कमाई कर सकते हैं 

क्‍या कोई भी गूगल एडसेंस एकाउण्‍ट रजिस्‍टर करा सकता है

कोई भी व्‍यक्ति गूगल एडसेंस रजिस्‍टर करा सकता है जिसके पास एक ब्‍लाग एक वेबसाइट एक यूटयूब चैनल या एक एंड्रॉयड एप्लिकेशन है गूगल एडसेंस एक पारदर्शी एड नेटवर्क प्रोग्राम है जो विज्ञापनदाताओं के लिए बना है और यह हर तरह से यह चाहता है कि विज्ञापनदाताओं के साथ में किसी तरह की धोखाधडी न हो या उनके पैसे बेकार न जायें इसलिए गूगल एडसेंस पर अप्लाई करने से पहले आपको गूगल एडसेंस के नियम और शर्तें जानना बहुत जरूरी है 

गूगल हमेशा चाहता है कि विज्ञापन उसी व्‍यक्ति को दिखाई दें जिसके लिए वह बने हैं अर्थात विज्ञापनों पर सामान्‍य तरीके से ही क्लिक होनी चाहिए गूगल का सबसे बडा रूल यह है कि आप अपने विज्ञापन पर कभी भी क्लिक नहीं करेंगे और न ही अपने दोस्‍तों, रिश्‍तेदारों या आस-पडोस से कहकर क्लिक करायेंगे ऐसा करने से आपका गूगल अकाउण्‍ट सस्‍पेंड किया जा सकता है इसके अलावा और भी नियम और शर्तें हैं जिन्‍हें हम आगे जानते हैं - 

ओरिजिनल कांटेंट

आप हमेशा अपनी वेबसाइट पर ओरीजनल कन्‍टेंट ही पब्लिश करेंगे कहीं से कॉपी पेस्‍ट नहीं करेंगे ऐसा करने से आपका एडसेंस अकाउण्‍ट खतरे में आ सकता है 

ट्रैफिक सोर्स

गूगल हमेशा चाहता है कि आपकी साइट पर ट्रैफिक सोर्स हमेशा सही होना चाहिए, यानी कहीं से भी गलत तरीके का ट्रैफिक आपकी वेबसाइट पर नहीं आना चाहिए आइये ट्रैफिक सोर्स को समझते हैं - 
  1. ऑर्गेनिक ट्रैफिक- ऑर्गेनिक ट्रैफिक किसी वेबसाइट पर आने वाला सबसे बढिया ट्रैफिक माना जाता है जो सीधे सर्च इंजन से आता है यानी यूजर को जब कुछ खोजना होता है तो वह गूगल सर्च इंजन पर जाता है और वहां कीवर्ड टाइप करता है जिसके बाद गूगल इंडैक्‍श की गई वेबसाइट या ब्‍लाग के रिजल्‍टस पब्लिश करता है जिससे यूजर उस वेबसाइट या ब्‍लाग पर पहुंच पाता है तकनीकी भाषा में इसे ऑर्गेनिक या प्राकृतिक ट्रैफिक कहते हैं 
  2. सोशल मीडिया ट्रैफिक- जब आप सोशल मीडिया पर अपने कांटेंट को शेयर करते हैं तो वहां से जो ट्रैफिक आपके वेबसाइट या ब्‍लाग पर आता है उसे सोशल मीडिया ट्रैफिक कहते हैं 
  3. एफीलिएट ट्रैफिक- जब आप किसी अन्‍य वेबसाइट, ब्‍लाग पर कमेंट करके अपने ब्‍लाग या वेबसाइट का लिंक छोडते हैं या किसी ब्‍लाग या वेबसाइट पर गैस कोड लिखते हैं और आपको वहां से जो ट्रैफिक प्राप्‍त होता है उसे एफिलिएट ट्रैफिक कहते हैं
  4. विज्ञापन के माध्‍यम से- ऑनलाइन विज्ञापनों से ट्रैफिक आना आज के समय में बहुत आम बात बन गई है इसके लिए विज्ञापन नेटवर्क का इस्‍तेमाल किया जाता है गूगल की पालिसी के अनुसार ऑनलाइन ट्रैफिक का विज्ञापन तभी अच्‍छा माना जाता है जब वह गूगल के लैंडिंग पेज (वह पेज जिसके लिए विज्ञापन किया गया हो) दिशा-निर्देशों का पालन करता हो उपयोगकर्ता को कहीं और न ले जाता हो 
  5. डायरैक्‍ट ट्रैफिक- जब उपयोगकर्ता आपकी वेबसाइट या ब्‍लाग का नाम सीधे ब्राउजर के एड्रैस वार में टाइप करके आपके वेबसाइट तक पहुंचते हैं तो वह ट्रैफिक डायरैक्‍ट ट्रैफिक माना जाता है 

साइट नैवीगेशन

गूगल एडसेंस की पॉलिसी के अनुसार आपकी वेबसाइट का नैवीगेशन में गुमराह करने वाले तरीकों का इस्‍तेमाल नहीं होना चाहिए आप अपने विज्ञापनों पर क्लिक और विज्ञापन बढाने के लिए अपने नैवीगेशनों का इस्‍तेमाल नहीं कर सकते हैं आप विज्ञापनों को ऐसी जगह नहीं डाल सकते जहां उन्‍हें आपकी साइट का हिस्‍सा समझा जाए जैसे मेन्यू या डाउनलोड लिंक इत्‍यादि 

आइये जानते हैं गूगल की प्रकाशित नीतियों के बारे में 


अभी हमने गूगल की विज्ञापन नीतियों को जाना था लेकिन यदि आप गूगल एडसेंस का अप्रूवल लेना चाहते हैं तो आपको गूगल प्रकाशक नीतियों के बारे में भी जानना बहुत जरूरी है गूगल पब्लिशीयर्स को अपने कन्‍टेंट से कमाई करने की सुविधा देता है इसका अर्थ यह नहीं है कि आप कुछ भी पब्लिश करने लग जायेंगे और उनपर गूगल विज्ञापन प्रदर्शित करेगा इसके लिए आपको गूगल की प्रकाशक नीतियों के बारे में जानना बहुत जरूरी है - 
  1. आप ऐसा कोई भी कन्‍टेंट प्रकाशित नहीं कर सकते जो किसी भी गैर कानूनी गतिविधि को बढावा देता हो या किसी भी व्‍यक्ति के कानूनी अधिकारों का उल्‍लंघन करता हो 
  2. आप किसी भी नकली सामान की बिक्री या उसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकते जिसमें असली एवं नकली में फर्क कर पाना मुश्किल होता है 
  3. आप किसी की बौद्विक सम्‍पत्ति का इस्‍तेमाल यानी कॉपीराइट का उल्‍लंघन नहीं कर सकते यदि आप ऐसा होता देखते भी हैं तो आप डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट ऐक्ट (डीएमसीए) के तहत कॉपी राइट उल्‍लंघन की शिकायत कर सकते हैं 
  4. आप झूठे, बेईमानी करने वाले उत्‍पात या सेवाओं का प्रचार नहीं कर सकते 
  5. आप उपयोगकर्ताओं को आधी-अधूरी जानकारी देने वाले कन्‍टेंट नहीं प्रदर्शित कर सकते इसके अलावा आप विस्‍तार से Google प्रकाशक से जुड़ी नीतियां पढ सकते हैं और ज्‍यादा जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं 

निष्‍कर्ष

गूगल एडसेंस अगर गूगल से कमाई करने का सबसे सरल और आसान तरीका है तो यहां गूगल भी यह चाहता है कि आप पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ काम करें कोई भी धोखाधडी न करें अपने और विज्ञापनदाता के बीच पारदर्शिता रखें अगर आप बहुत लंबे समय तक गूगल एडसेंस से अच्‍छी खासी कमाई करना चाहते हैं तो उसके बहुत सारे तरीके हैं 

आशा है आप समझ गये होंगे कि गूगल एडसेंस क्‍या है और किस तरह काम करता है एडसेंस के लिए आपको खुद को किस तरह से तैयार करना है वैसे तो हमने यहां समस्‍त जानकारी देने की कोशिश की है, लेकिन फिर भी अगर कोई पाइंट रह गया हो तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं या सुझाव दे सकते हैं आपके बहुमूल्‍य विचारों और सुझावों का स्‍वागत है आपका दिन शुभ हो